केवल मजिस्ट्रेट द्वारा
पुलिस अधिकारी द्वारा
सत्र न्यायालय द्वारा
मजिस्ट्रेट या न्यायालय द्वारा
जांच से अभिप्रेत है, विचारण से भिन्न ऐसी प्रत्येक जांच जो इस संहिता के अधीन मजिस्ट्रेट या न्यायालय द्वारा की जाए धारा 2(छ)। अतः स्पष्ट है कि जांच मजिस्ट्रेट या न्यायालय द्वारा की जाती है।विचारण शब्द संहिता की धारा 2(छ) में प्रयोग किया गया है किंतु इसे पृथकतः परिभाषित नहीं किया गया है। सामान्यतः मजिस्ट्रेट या न्यायालय से समक्ष किसी आपराधिक अभियोग को सिद्ध या असिद्ध करने की संपूर्ण प्रक्रिया विचारण कहलाती है।
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