किसी की नहीं
जिलाधिकारी की
पुलिस अधीक्षक की
न्यायालय की
किसी बंदी को न्यायालय में हथकड़ी लगाकर लाना - ले जाना या रस्सियों से बांधना उसके प्रति अमानवीय बर्ताव है। उच्चतम न्यायालय ने ऐसा सुनील बत्रा केस में कहा तथा यह भी निर्देश किया नियमित तौर पर किसी बंदी को हथकड़ी लगाकर नहीं रखा जाए। न्यायालय ने यह स्पष्ट किया था कि केवल अपवादिक परिस्थितियों में हथकड़ी लगाने की स्थिति में भी पहले न्यायिक अनुमति लिया जाना चाहिए।
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