किशोरों के विरोध अभियोजन में
किशोरों के किसी भी शास्ति या कारावास के दंड से संबंधित मामलों में
किशोरों के साथ विधिक संघर्ष में
उपर्युक्त सभी मामलों में
किशोर न्याय, बालकों की देख-रेख और संरक्षण अधिनियम, 2015, की धारा 1 (4) के अनुसार, इस अधिनियम के उपबंध देख-रेख और संरक्षण के जरुरतमंद बालकों तथा विधि का उल्लंघन करने वाले बालकों से संबंधित सभी मामलों में लागू होंगे, जिनके अंतर्गत -(1) विधि का उल्लंघन करने वाले बालकों की गिरफ्तारी, निरोध, अभियोजन, शास्ति या कारावास, पुनर्वास और समाज में पुनः मिलाना,(2) देख-रेख और संरक्षा के जरुतमंद बालकों के पुनर्वासन, दत्तक ग्रहण समाज में पुनः मिलाने और वापसी की प्रक्रियाएं और विनिश्चय अथवा आदेश भी है।
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