नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा प्रशन के उत्तर दीजिए - सामाजिक एवं आर्थिक दुर्बलताओं को दूर करने के लिए, राजनीतिक अधिकार प्राप्त करने के लिए विज्ञापन का जितना प्रयोग हो रहा है, उससे कहीं ज्यादा अपने मालों की बिक्री के लिए हो रहा है। इसके द्वारा भावात्मक दोहन बहुत धूर्तता के साथ होता है। एक कंपनी दूसरे के बाजार को हड़पने के लिए विभिन्न तिकड़मों का सहारा लेती है। अंग प्रदर्शन का बढ़ना विज्ञापन की अनैतिकता की पराकाष्ठाहै। युवाओं पर इसका बहुत बुरा असर पड़ता है। देश का भविष्य तिमिर लोक में गुम हो जाए - यह सोची समझी साजिश है इस उपभोक्तावादी, पूंजीवादी संस्कृति के नायाब तरीके विज्ञापन की। 

इस गद्यांश का शीर्षक क्या है -

  • 1

    बाजारु संस्कृति 

  • 2

    पूँजीवाद और विज्ञापन 

  • 3

    सांस्कृतिक अस्मिता और विज्ञापन 

  • 4

    विज्ञापन दाताओं की सोची समझी योजनाएं 

Answer:- 3

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