यदि अवयस्क बालक को विधिपूर्ण संरक्षकता में से ले जाया जाता है
उसे ले जाने के बल का प्रयोग या प्रवंचनापूर्ण उपयोग से उत्प्रेरित करने पर
विवाह के प्रयोजन से विक्रय कर दिया जाता है और उस अवयस्क का विवाह कर दिया जाता है। तत्पश्चात उसे अनैतिक प्रयोजन से विक्रय किया जाता है या दुर्व्यवहार किया जाता है
उपर्युक्त सभी
बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 की धारा 12 में अवयस्क का विवाह शून्य होने की परिस्थितियां दी गई हैं।जिनमें तीन परिस्थितियां दी गई हैं -(1) यदि अवयस्क बालक को विधिपूर्ण संरक्षकता में से ले जाया जाता है(2) उसे ले जाने के बल का प्रयोग या प्रवंचनापूर्ण उपयोग से उत्प्रेरित करने पर(3) विवाह के प्रयोजन से विक्रय कर दिया जाता है और उस अवयस्क का विवाह कर दिया जाता है। तत्पश्चात उसे अनैतिक प्रयोजन से विक्रय किया जाता है या दुर्व्यवहार किया जाता है
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