गर्मी की उमस के बाद वर्षा शुरु हुई ।
विश्वनाथ अपने परिवारियों के साथ किसी महानगर में एक छोटें तंग मकान में रहता है।
कई सालों से निर्मला के मन में तीर्थयात्राओं की बड़ी लालसा थी।
यदि हमने जीवन में सब कुछ प्राप्त करना है, तो पुरुषार्थ को अपने जीवन का लक्ष्य बनाना चाहिए
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