संविधान की प्रस्तावना का संशोधन नहीं कर सकती है
संविधान के मूल ढांचे में संशोधन नहीं कर सकती है
मूल कर्तव्यों में संशोधन नहीं कर सकती है
संविधान के नीति निदेशक तत्वों में संशोधन नहीं कर सकती है
केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य के मामले में उच्चतम न्यायालय ने अभिनिर्धारित किया है कि संसद मूल अधिकारों सहित संविधान के किसी भी भाग में संशोधन कर सकती है परंतु वह संविधान की मूल/आधारभूत संरचना में संशोधन नहीं कर सकती। न्यायालय ने कहा संविधान का आधारभूत ढांचा संविधान की उद्देशिका में निहित है।
Post your Comments