किस वाद में उच्चतम न्यायालय ने अभिनिर्धारित किया कि आरक्षण की अधिकतम सीमा 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती है -

  • 1

    प्रदीप जैन बनाम भारत संघ

  • 2

    इंदिरा साहनी बनाम भारत संघ

  • 3

    देवदासन बनाम भारत संघ

  • 4

    बालाजी बनाम मैसूर राज्य

Answer:- 4
Explanation:-

बालाजी बनाम मैसूर राज्य के वाद में उच्चतम न्यायालय ने मेडिकल तथा इंजीनियरिंग कॉलेजों में 68 प्रतिशत स्थान आरक्षित करने को अविधिमान्य निर्धारित किया। पिछड़े वर्गो एवं अधिक पिछड़े वर्गो के मध्य किए गए उपवर्गीकरण को अनुच्छेद 15(4) के अंतर्गत न्यायोचित नहीं माना।देवदासन बनाम भारत संघ, के वाद में उच्चतम न्यायालय ने लोक पदों के आरक्षण के लिए बनाए गए अग्रनयन नियम को असंवैधानिक घोषित करते हुए यह विनिश्चित किया कि प्रत्येक वर्ष के कोटे को उसी वर्ष तक सीमित रखना चाहिए तथा साथ ही पिछड़ी जातियों के लिए पदों का आरक्षण इतना ज्यादा नहीं होना चाहिए कि एकाधिकार उत्पन्न कर दे या अन्य समुदाय के विधिक अधिकारों में अनुचित हस्तक्षेप करे।इंदिरा साहनी बनाम भारत संघ के वाद में उच्चतम न्यायालय ने बालाजी बनाम मैसूर राज्य में दिए गए पूर्ववती विनिश्चय को उलटते हुए पिछड़े तथा अधिक पिछड़े वर्ग में वर्गीकरण को सांविधानिक माना। इसमें पिछड़े वर्ग में अधिक सम्पन्न वर्ग का निर्धारण किया जाना आवश्यक माना। इस वाद में देवदासन बनाम भारत संघ में दिए गए विनिश्चय को उलटते हुए अग्रनयन के नियम को सांविधानिक ठहराते हुए यह व्यवस्था दी गई कि अधिकतम सीमा 50 प्रतिशत के अंदर रहते हुए अग्रनयन का नियम वैध होगा।

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