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गाँधी-अध्ययन को समझने में ‘सत्य के प्रयोग ’ को एक प्रमुख दस्तावेज का दर्जा हासिल हैे, जिसे स्वंय गाँधी जी ने कर्मबद्ध किया था। सत्य के प्रयोग, महात्मा गाँधी द्वारा लिखी वह पुस्तक हगै, जिसे उनकी आत्मकथा का दर्जा हासिल है। बापू में यह पुस्तक मूलरूप से गुजराती में लिखी थी।
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