रवीन्द्रनाथ टैगोर
बंकिमचंद्र चटर्जी
मोहम्मद इकबाल
चित्रगुप्त
वंदे मातरम् - बंकिम चंद्र चटोपाध्याय भाषा - संस्कृत, बाँग्ला मिश्रित भाषा आनन्द मठ में यह गीत भवानन्द नाम के संन्यासी द्वारा गाया गया है। इसकी धुन यदुनाथ भट्टाचार्या ने बनायी थी। इस गीत को गाने में 65 सेकेंड का समय लगता है। स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने संविधान सभा में 24 नजवरी 1950 में 'वन्दे मातरम्' को राष्ट्रीय गीत के रूप में अपनाने सम्बन्धी वक्तव्य पढ़ा जिसे स्वीकार कर लिया गया।
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