संरचनात्मक व्यावहारिकता
प्रतीकात्मक अन्योन्यक्रिया
संघर्ष
निश्चयात्मकता
वर्ग एवं जातीय संबंध समाजशास्त्र के क्षेत्र हैं, जो समाज के सभी स्तरों पर मानव जाति के बीच सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक संबंधो का अध्ययन करते हैं। यह जाति और नस्लवाद तथा विभिन्न समूहों के सदस्यों के बीच जटिल राजनीतिक पारस्परिक क्रियाओं के अध्ययन को आवृत करता है। राजनैतिक नीति के स्तर पर, इस मुद्दे की आम तौर पर चर्चा या तो समीकरणवाद या बहुसंस्कृतिवाद के संदर्भ में की जाती है। नस्लविरोधी और उत्तर औपनिवेशिक भी अभिन्न अवधारणाएं हैं। स्वीडन के प्रसिध्द भाषाविद “फर्दिनान्द द सस्यूर” इसके प्रवर्तक माने जाते हैं।
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