मूल अधिकार
राज्य की नीति के निदेशक त्तत्व
उद्देशिका / प्रस्तावन को संविधान की आत्मा कहा गया है।
सांविधानिक उपचारों का अधिकार
सामान्य तौर पर उद्देशिका / प्रस्तावना को संविधान की आत्मा कहा जाता है। किन्तु भीम राव अम्बेडकर जी ने संवैधानिक उपचारों का अधिकार को संविधान की आत्मा कहा है। इसकी अधिकार के आधार पर अनुच्छेद 32 के तहत सर्वोच्च न्यायालय एवं अनुच्छेद - 226 के तहत उच्च न्यायालय 5 प्रकार का रिट जारी करता है। यह 26 नवम्बर 1949 को अंगीकृत की गयी।
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