हदबंदी कानून पारिवारिक जोत पर केंद्रित थे, न कि व्यक्तिगत जोत पर।
भूमि सुधारों का प्रमुख उद्देश्य सभी भूमिहीनों की कृषि भूमि प्रदान करना था।
इसके परिणामस्वरुप नकदी फसलों की खेती, कृषि का प्रमुख रुप बन गई।
भूमि सुधारों ने हदबंदी सीमाओं को किसी भी प्रकार की छूट की अनुमति नहीं दी।
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