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जस दूल्हा तस बनी बराता
न सुख में मोठे न दुःख में दुबले
न गरजे न बरसे वही धुप की धुप
वहीं ढांक के तीन पात
स्थिति में परिवर्तन न होने के भाव को व्यक्त करने वाली सही कहावत ’ वहीं ढांक के तीन पात ‘है
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