उन्हें किसी प्रकार की शिक्षा की आवश्यकता ही नहीं होती
उन्हें समावेशी शिक्षा का और नियमित विद्यालयों में अध्ययन करने का अधिकार प्राप्त है।
उन्हें पृथक करे उनकी शिक्षा किसी भिन्न शैक्षिक संस्थाओं में होनी चाहिए।
उन्हें केवल व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।
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