विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच शक्तियों का बँटवारा
कोई भी अपने मामले पर, बिना किसी कानूनी डिग्री के न्यायालय में बहस कर सकता है।
ऊपरी अदालतों के फैसले, निचली अदालतों को मानने होते हैं।
किसी व्यक्ति को अगर ऐसा लगता है कि निचली अदालत द्वारा दिया गया फैसला सही नहीं हैं, तो वह उससे ऊपर की अदालत में अपील कर सकता है।
Post your Comments