इससे दूसरों के प्रति अन्याय, शोषण को बढ़ावा मिलता है
वह केवल अपने प्रति अन्याय करता है
इससे शांति का माहौल बना रहता है
वह दण्ड का अधिकारी बन जाता है
सही अर्थ में अन्याय और शोषण करने का बढ़ावा बुरे लोगों को तभी मिलता है जब इनके प्रति आवाज़ नहीं उठाई जाती| यदि इनका डटकर मुकाबला किया जाए, तो अन्याय और शोषण समूल नष्ट हो जाते हैं|
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