अन्याय, शोषण, बुराइयों को सदा के लिए समाप्त करना
समाज में फैले अन्धकार को प्रकाश में बदल देना
समाज को अन्धकार से मुक्त करने के लिए प्रयत्नशील रहना
यह मानना कि समाज में अन्याय, शोषण, बुराइयाँ नहीं हैं
दिए गए गद्यांश में 'अन्धकार का निषेध' से तात्पर्य लोगों द्वारा यह मानना है कि बुराई या अन्याय नाम की कोई प्रवृत्ति नहीं होती अर्थात वे लोग बुराइयों से जान-बूझकर दूर भागते हैं|
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