वह किसी बात को गम्भीरता से नहीं लेता
शिकायत करना लोगों की आदत होती है
लेखक उन्हें जानता-पहचानता है
जुटने वाले लोग गरीब और ईमानदार हैं
लेखक लोगों की बातों एवं शिकायतों को जान-बूझकर हल्के में लेता है, क्योंकि जो लोग वहाँ इकट्ठा होते हैं, वे गाँव से ही आए हुए गरीब एवं ईमानदार हैं और लेखक का नाता भी आरम्भ में गाँव से रहा है, इसलिए वह जानता है कि गरीबी क्या होती है?
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