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स्वानुभूत विचारों व भावों को अभिव्यक्त करना
साहित्य का रसास्वादन करना
धैर्यपूर्वक सुनना
भाषा और साहित्य में रूचि
स्वानुभूत विचारों व भावों को अभिव्यक्त करना अभिवृत्यात्मक उद्देश्य कहलाता है|
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