गोत्र शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम कहां हुआ था -

  • 1

    ऋग्वेद में

  • 2

    अथर्ववेद में

  • 3

    सामवेद में

  • 4

    यजुर्वेद में

Answer:- 1
Explanation:-

ऋग्वेद में परिवार वाचक गोत्र शब्द का प्रयोग विरल है। गोत्र शब्द का अर्थ है- पुत्र के पुत्र के साथ उत्पन्न होने वाली संतान। गोत्र की अवधारणा सर्वप्रथम उत्तरवैदिक काल में आयी। यह किसी मूल पुरूष के अनुसार होती है। मौलिक रूप से सात गोत्र माने जाते हैं- कश्यप, वशिष्ठ, भृगु, गौतम, भारद्वाज, अत्रि और विश्वामित्र

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