खरोष्ठी
शारदा
नंदनागरी
ब्राह्मी
प्राचीन भारत में खरोष्ठी लिपि दायीं से बायीं ओर लिखी जाती थी। यह मुख्यतः उत्तर-पश्चिमी भारत की लिपि थी। इसे पढ़ने का श्रेय मैसन, प्रिंसेप, नौरिस, लैसेन, कनिंघम आदि विद्वानों को जाता है। ब्राह्मी लिपि बायीं से दायीं ओर लिखी जाती है।
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