योगी गोरखनाथ
पतंजलि
शंकराचार्य
स्वामी रामदेव
योग दर्शन के प्रतिपादक पतंजलि थे। इनकी पुस्तक का नाम ‘योगसूत्र’ है। इस दर्शन का मानना था कि मोक्ष की प्राप्ति ध्यान और शारीरिक साधना से ही सकती है। इस दर्शन में माया - मोह से निवृत्ति के लिए कई प्रकार के आसन तथा प्राणायाम बताये गये हैं। योग दर्शन से प्राचीन काल में शरीर-क्रिया तथा शरीर रचना संबंधी ज्ञान के विकास का पता चलता है।
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