त्रिभुजाकार
आयताकार
अर्धचन्द्राकार
वृत्ताकार
प्राचीन श्रावस्ती राम के पुत्र लव की राजधानी थी। सहेत - महेत के खण्डहरों से जान पड़ता है कि इस नगर का आकार अर्धचन्द्राकार था। गौतम बुध्द के समय यह कोशल नरेश प्रसेनजित की राजधानी थी। बुध्द के जीवन से संबंधित अनेक स्थलों के खण्डहर यहां उत्खनन द्वारा प्रकाश में लाये गये है। यहीं पर अनाथपिंडक का जेतवन बिहार भी है। बुध्द से संबंधित गंछकुटी और कोशंब कुटी नामक दो बिहार भी है।
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