आठ तेलुगू कवि
आठ मंत्री
आठ परामर्शदाता
आठ महान सेनापति
कृष्णदेव राय के दरबार में तेलुगू साहित्य के आठ सर्वश्रेष्ठ कवि रहते थे, जिन्हें अष्टदिग्गज कहा जाता था। अष्टप्रधान या अष्टदिग्गजों की मंत्रिपरिषद् समाज के रक्षक कार्य में दृष्टि रखती थी। कृष्णदेव राय ने तेलुगू के प्रसिध्द ग्रंथ अमुक्त माल्यद या विस्तुवितीय की रचना की। इसके शासनकाल को तेलुगू साहित्य का शास्त्रीय युग माना जाता है।
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