कुतुबशाही प्रशासन
तालुकेदारी प्रथा
मराठा भू-राजस्व प्रथा
उपर्युक्त में से कोई नहीं
मराठा काल में शिवाजी ने अपने सैनिकों को जागीर (मोकासा) के रूप में सरंजाम भी प्रदान किया। सरंजाम भू-राजस्व प्रथा थी जो कि पूर्ण रूप से सैनिक सेवाओं के बदले में जात तथा फौज दो रूप में दी जाती थी। सरंजाम मूल रूप से सिविल और सैन्य सेवा के लिए भूमि अनुदान का ही नाम था। पेशवाओं के शासन में सरंजाम प्रणाली ने अनुवांशिक रूप ले लिया।
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