गुरू नानक
गुरू रामदास
गुरू हरगोविन्द
गुरू तेग बहादुर
अकाल तख्त (1609 ई.) पाँच तख्तों में सबसे पहला तख्त है। इसे सिक्खों के छठ गुरू हरगोविन्द सिंह ने न्याय-सम्बंधी और सांसारिक विषयों पर विचार करने के लिए स्थापित किया था। इस तख्त पर बैठने वाले जत्थेदार को सिक्खों को सर्वोच्च प्रवक्ता माना जाता है। गुरू गोविन्द ने सच्चे पादशाह की उपाधि धारणा की।
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