चैतन्य
तुकाराम
मीराबाई
रामानुज
मेड़ता के राजा रतन सिंह राठौर की इकलौती पुत्री मीराबाई (1498-1546) का विवाह 1516 ई. मेवाड़ के युवराज भोजराज से हुआ था। मीरा के भजन ब्रजभाषा और राजस्थानी में रचे गए थे। उनके कुछ पद गुजराती में भी हैं जो कृष्ण के प्रति प्रेम और भक्ति की भावना से ओत-प्रोत हैं।
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