शंकराचार्य-रामानुज-चैतन्य
रामानुज- शंकराचार्य-चैतन्य
रामानुज-चैतन्य-शंकराचार्य
शंकराचार्य-चैतन्य-रामानुज
शंकराचार्य का काल 788-820 ई., रामानुज का काल 1017-1137 ई. तथा चैतन्य का काल 1486-1536 ई.तक था। विशिष्टाद्वैतक में आदि शंकराचार्य के मायावाद का खंडन है। शंकराचार्य ने जगत को माया करार देते हुए इसे मिथ्या बताया है परन्तु रामानुज ने अपने सिध्दांत में यह स्थापित किया है कि, जगत का निर्माण भी ब्रह्मा ने ही किया है, परिणामस्वरूप यह मिथ्या नहीं हो सकता।
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