ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ची
शेख निजामुद्दीन औलिया
कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी
बाबा फरीद
सूफी सन्त शेख शेख निजामुद्दीन औलिया ‘महबूब-ए-इलाही’ कहलाते थे। बाबा फरीद के शिष्य ‘ख्वाजा निजामुद्दीन औलिया’ ने औलिया नामक एक स्वतंत्र सम्प्रदाय बनाया जिसका केंद्र बदायूँ बना। प्रसिध्द फारसी कवि अमीर खुसरो निजामुद्दीन औलिया के ही शिष्य थे। इन्होंने दिल्ली सल्तनत काल में सात सुल्तानों का काल देखा था। ‘हनोज दिल्ली दूरस्त’ (दिल्ली अभी दूर है) यह कथन सुल्तान गयासुद्दीन तुगलक के लिए, शेख निजामुद्दीन औलिया द्वारा ही उद्धृत है।
दिल्ली अभी दूर है अलाउद्दीन खिलजी के लिए कहा गया था।