चन्द्रप्रभ सुरि
हरिविजय सूरि
पुष्पदन्त
यशोभद्र
अकबर हिन्दू धर्म से सबसे अधिक प्रभावित था। अकबर ने बल्लभाचार्य के पुत्र विट्ठलनाथ को ‘गोकुल’ एवं ‘जैतपुरा’ की जागीर दी थी। अकबर ने जैन धर्म के आचार्य ‘हरिविजय सूरि’ को ‘जगतगुरू’ तथा जिनचन्द्रसूरि को ‘युग प्रधान’ की उपाधि दी थी। अकबर ने पारसी धर्म के पुरोहित दस्तूर मेहर जी राणा को जीवन निर्वाह के लिए 200 बीघा जमीन दिया तथा उसी के प्रभाव के कारण अपने दरबार में 24 घण्टे अग्नि प्रज्वलित करने का आदेश दिया।
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