पंचतंत्र
महाभारत
सूरसागर
रामायण
अकबर ने एक अनुवाद विभाग की स्थापना की थी। इस विभाग के अंतर्गत संस्कृत, तुर्की तथा अरबी आदि भाषाों के अनके ग्रन्थों का फारसी अनुवाद हुआ। फैजी ने लीलावती का अनुवाद तथा बदायूँनी ने महाभारत का ‘फारसी अनुवाद रज्मनामा’ तैयार किया। अबुल फजल ने भी अनेक संस्कृत ग्रंथों का फारसी अनुवाद किया। उसने संस्कृत ग्रंथ पंचतंत्र का फारसी अनुवाद कर उसका नाम अनवार-ए-सुहेली रखा। बदायूँनी और कुछ अन्य लेखकों ने मिलकर रामायण का भी अनुवाद किया।
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