ख्वाजा अबदुस्समद
सैयद अली तरबीजी
बसावन
मंसूर
उसके दरबार में अबुल हसन, उस्ताद मंसूर, फर्रूख वेग तथा बिशानदास नामक सुप्रसिध्द चित्रकार थे। अबुल हसन को उसने नादिर-उज्-जमा तथा उस्ताद मंसूर को नादिर-उल-असर की उपाधि से नवाजा था। मंसूर दुर्लभ पशुओं, विरले पक्षियों एवं अनोखे पुष्पों का कुशल चित्रकार था। साइबेरिया का विरला सारस इन्हीं की रचना है।
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