आर्य समाज
ब्रह्म समाज
प्रार्थना समाज
देव समाज
आर्य समाज का एकलक्ष्य यह था कि हिन्दुओं का धर्म परिवर्तन न होने दिया जाए। इसके कारण अन्य धर्मो के प्रति जेहाद शुरू हो गया। आर्य समाज ने धर्म परिवर्तित हुए हिन्दुओं के लिए ‘शुध्दि’ ‘मुक्ति’ आन्दोलन चलाया। जिसमें अन्य धर्म में दीक्षित हुए हिन्दुओं पुनः हिन्दू धर्म ग्रहण कराने के लिए उनका ‘शुध्दि’ संस्कार कराया गया। इस शुध्दि संस्कार के कारण भारत में सांप्रदायिकता को बढ़ावा मिला। जिससे हिन्दु और मुस्लिमों के बीच की खाईं बढ़ती गई। आर्य समास की स्थापना 10 अप्रैल 1875 को गुड़ी पड़वा के दिन हुआ था।
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