पुरंदर सिंह
दीवान मनीराम दत्त
पियाली बरुआ
कंदपेश्वर सिंह
असम में 1857 के विद्रोह की शुरूआत वहां के दीवान मनीराम दत्त ने की तथा वहाँ के अंतिम राजा के पौत्र (पोते) कंदपेश्वर सिंह को राजा घोषित कर दिया, किन्तु यह विद्रोह भी सफल नहीं हुआ तथा दीवान मनीराम दत्त को कलकत्ता में फाँसी दे दी गई।
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