मूर्तिपूजा पर
बहुदेववाद पर
अद्वैतवाद पर
नास्तिकता पर
ब्रह्म समाज की स्थापना 20 अगस्त, 1828 ई. में राजा राममोहन राय द्वारा कलकत्ता में की गई। इसे हिन्दू धर्म का प्रथम सुधारवादी आन्दोलन माना गया। ब्रह्म समाज का स्वरूप भारतीय था और इसे अद्वैतवादी हिन्दूओं की संस्था कहा जाता था। राजा राममोहन राय एकेश्वरवाद में विश्वास करते थे।
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