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सत्य
अहिंसा
अस्पृश्यता
भारी औद्योगीकरण
पं. जवाहर लाल नेहरू और महात्मा गाँधी में भारी औद्योगीकरण को लेकर मतभेद था। पं. नेहरू भारी उद्योगों के पक्षधर थे तथा उन्हें आधुनिक राष्ट्र का मंदिर कहते थे जबकि महात्मा गांधी कुटीर उद्योग के समर्थक थे।
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