यह साबरमती आश्रम से डांडी ग्राम तक का मार्च था।
नमक कर का विरोध करना इसका विशेष प्रयोजन था।
समुद्र के किनारे पहुँच कर गाँधी ने नमक बनाया था।
यह पूरी तरह से पैदल मार्च था।
गाँधी जी ने डांडी मार्च का आरम्भ अफने 78 कार्यकर्ताओं के साथ 12 मार्च, 1930 को गुजरात में स्थित साबरमती आश्रम से किया था। 240 मील की लम्बी यात्रा पैदल चलकर 24 दिनों में तय की। 6 अप्रैल, 1930 को प्रातःकाल प्रार्थना के बाद महात्मा गाँधी ने समुद्र तट पर नमक बनाकर कानून भंग किया। यह आन्दोलन नमक कर के बहाने से अंग्रेजी सत्ता के विरूध्द आन्दोलन चलाया था।
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