हैदरअली
चिक्का कृष्णराज
देवराज
टीपू सुल्तान
हैदर अली की मृत्यु के बाद उसका पुत्र टीपू मैसूर का शासक बना। थामस मुनरो ने उसके लिए कहा था कि “टीपू नई रीति चलाने वाली अशान्त आत्मा है।” टीपू ने 1787 ई. में बादशाह की उपाधि धारण की, अपने नाम के सिक्के चलाए तथा वर्षो और महीनों के हिन्दू नामों के स्थान पर अरबी नामों का प्रयोग किया। टीपू ने आधुनिक कैलेण्डर को लागू किया। सिक्का ढलाई की नई तकनीक व नाप-तौल के आधुनिक पैमाने अपनाए। जब फ्रांसीसी क्रान्ति के फलस्वरूप कुछ फ्रांसीसी सैनिकों ने श्रीरंगपट्टनम में जैकोबिन क्लब बनाने का प्रस्ताव किया तो उसने सहर्ष स्वीकार कर लिया।
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