विलियम वैटिंग
डलहौजी
सर जॉन लारेन्स
लार्ड कैनिंग
सर जॉन लारेन्स 1868 ई. तक भारत की वायसराय रहा। यह एकमात्र ब्रिटिश शासक था जिसे सिक्खों ने बिना जूता उतारे अमृतसर के स्वर्ण मन्दिर में प्रवेश करने किया था। अफगानिस्तान के सन्दर्भ में लारेंस ने अहस्तक्षेप की नीति का पालन किया तथा तत्कालीन शासक शेर अली से दोस्ती की थी। 1865 ई. में भारत एवं यूरोप के बीच प्रथम समुद्री टेलीग्राफ सेवा शुरू हुई। इसने (लारेन्स) कैम्पबेल के नेतृत्व में एक अकाल समिति का गठन किया। इसने भूटान को युध्द में पराजित करके उसे संधि के लिए विवश किया था।
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