कृषकों के साथ
जमींदारों के साथ
जमींदारों व कृषकों के साथ साझा रूप से
ग्राम समुदायों के साथ समग्र रूप से
महालवाड़ी व्यवस्था में राजस्व व्यवस्था प्रत्येक महाल के साथ स्थापित हुई। महाल से तात्पर्य है जागीर अथवा गांव। इस पध्दति के जन्मदाता हाल्ट मैकेन्जी थे। 1833 ई. में मार्टिन बर्ड तथा टामसन के बंदोबस्त में यह अपने सबसे अच्छे रूप में सामने आयी। इसी व्यवस्था में पहली बार मानचित्रों तथा पंजियों का प्रयोग किया गया। इस व्यवस्था के अंतर्गत उत्तर प्रदेश, मध्य प्रांत तथा पंजाब प्रांत आते थे जो कि ब्रिटिश भारत का 30% क्षेत्र था। इस व्यवस्था के अन्तर्गत राजस्व का बन्दोबस्त ग्राम समुदायों के साथ समग्र रूप से हुआ था।
Post your Comments