1909
1919
1935
इनमें से कोई नहीं
1935 के भारत सरकार अधिनियम के अंतर्गत प्रांतों की जगह केंद्र में द्वैध शासन व्यवस्था लागू की गयी। जिसके द्वारा प्रांतों को पहली बार स्वायत्तता प्रदान की गयी। इसके द्वारा सर्वप्रथम भारतक में संघात्मक सरकार की स्थापना की गयी। प्रांत की कार्यपालिका शक्ति गवर्नर में निहित थी तथा वह इसका प्रयोग ब्रिटिश सरकार की ओर से करता था।
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