आनन्दमठ
वन्देमातरम्
गोदान
निर्मला
अंग्रेजों के विरूध्द प्रारंभिक विद्रोहों में सन्यासियों का विद्रोह सर्वाधिक महत्वपूर्ण था। सन्यासी लोग तीर्थ यात्रा पर लगे कर के कारण असंतुष्ट थे फलस्वरूप उन्होंने विद्रोह कर दिया। इस विद्रोह के कथानक को बंकिम चन्द्र चटर्जी ने अपनी प्रसिध्द पुस्तक आनन्द मठ को विषय बनाया, जिसे बंगाल की बाइबल कहा जाता है।
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