केवल 1 तथा 2
केवल 2, 3 तथा 4
केवल 1 तथा 4
1, 2, 3 तथा 4
केशवचन्द्र सेन ब्रह्म समाज से जुड़े थे। 1865 ई. में ब्रह्म समाज से पृथक होकर इन्होने ‘आदि ब्रह्म समाज’ की स्थापना की। 1878 ई. में पुनः इस समाज में फूट पड़ गयी और नया ‘साधारण ब्रह्म समाज’ बना। इन्होंने जातिवाद एवं असपृश्यता को भी समाप्त करने का प्रयास किया था।
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