जेम्स जीन्स
एच. आल्फावेन
एफ. होयल
ओ. श्मिड
रूसी वैज्ञानिक ऑटो श्मिड ने वर्ष 1945 में अंतरतारक धूल परिकल्पना का प्रतिपादन किया। इस परिकल्पना के अनुसार जब सूर्य आकाशगंगा के समीप से गुजर रहा था तो उसने अपनी आकर्षण शक्ति से कुछ गैस तथा धूल कणों को अपनी ओर आकर्षित कर लिया जो सामूहिक रूप से सूर्य की परिक्रमा करने लगे। इन्हीं धूल कणों के संगठित व घनीभूत होने से पृथ्वी व अन्य ग्रहों का निर्माण हुआ।
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