नदी घाटियों में
पर्वत शिखरों पर
तटीय क्षेत्रों में
मरूस्थलों में
मरूस्थलीय भागों मे यदि कठोर शैल के रूप में ऊपरी आवरण के नीचे कोमल शैल लम्बवत् रूप में मिलती हैं तो उस पर पवन के अपघर्षण के प्रभाव से विचित्र प्रकार की स्थलाकृतियों का निर्माण होता है, जिसे छत्रक शैल के नाम से जाना जाता है।
Post your Comments