चापाकार झील
मरूद्यान
खलीजा
विवर्तनिक
नदियाँ जब मैदानों में प्रवेश करती है, तो क्षैतिज अपरदन के कारण घुमावदार मोड़ो से होकर प्रवाहित होती हैं। इन मोड़ों को नदी विसर्प कहा जाता है। जब इसका घुमाव अधिक हो जाता है, तो नदी अपने विसर्प को छोड़कर सीधे मार्ग से प्रवाहित होने लगती है। इस तरह के परित्यक्त विसर्प में जल के भर जाने से निर्मित झीलों को गोखुर या चापाकार झील कहते हैं।
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