45°
90°
180°
270°
जब सूर्य, पृथ्वी तथा चन्द्र के बीच का कोण 90° होता है तो पृथ्वी से चन्द्रमा आधा ही दिखाई पड़ता है। कारण यह है कि सूर्य का प्रकश चन्द्रमा और पृथ्वी के बीच बंट जाता है अर्थात् चन्द्रमा के आधे भाग पर ही पड़ता है। यह वही स्थिति है जब लघुत्तम ज्वार आ जाता है। ऐसी स्थिति में सूर्य और चन्द्रमा की आकर्षण शक्ति दो दिशाओं में कार्य करती है। फलतः समुद्र जल का चढ़ाव-उतार निम्नवत होता है। 180° पर सूर्य और चन्द्रग्रहण लगता है।
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