लाइकेन के सम्बंध में असत्य कथन है -

  • 1

    ये कवक तथा शैवालों के सहजीवन का परिणाम हैं।

  • 2

    ये मृदा को हानि पहुँचाते हैं।

  • 3

    अनेक औषधियों के निर्माण में इनका प्रयोग होता है।

  • 4

    लाइकेन थैलोफाइटा प्रकार की वनस्पति है।

Answer:- 2
Explanation:-

लाइकेन एक थैलोफाइटा प्रकार की वनस्पति है जो कवक तथा शैवालों के मध्य सहजीवी व्यवहार के फलस्वरूप उत्पन्न होती है। इस सहजीवन में कवक, शैवालों को जल, खनिज लवण, विटामिन आदि प्रदान करते हैं जबकि शैवाल प्रकाश संश्लेषण के द्वारा कार्बोहाइड्रेट का निर्माण कर कवकों को पोषण प्रदान करते हैं। लाइकेन का प्रयोग मिर्गी, खाँसी, पीलिया, डायरिया आदि रोगों की औषधि के निर्माण में तथा खाद्य पदार्थ के रूप में भी किया जाता है। ये मृदा को हानि नहीं पहुँचाते बल्कि मृदा निर्माण में सहायक होते हैं।      

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