सहायक श्वसन अंग के रूप में
द्रवस्थैतिज अंग के रूप में
सहायक श्वसन अंग और द्रवस्थैतिक अंग दोनों के रूप में
मुख्य श्वसन अंग के रूप में
मछली का वाताशय, एक सहायक श्वसन अंग और द्रवस्थैतिक अंग दोनों के रूप में कार्य करता है। यह मछलियों की देहगुहा में स्थित होता है, जिनमें वायु (मुख्यतः आक्सीजन) भरी रहती है। इसके कारण, मछलियाँ बिना डूबे अथवा सतह पर आए बिना जल में एक निश्चित गहराई पर बनी रहती हैं।
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